सपनो की दुनियीँ मंगल

                                 
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चादँ के बाद,अब मंगल पर घर होगाअपनाः  जी हाँ दोस्तो ये बिलकुल सच है, चाँद पे घर बनाने का सपना पूरा होने    के बाद अब जल्द ही मंगल पर भी आपअपनी खुद की जमीन खरीद सकेगे ।आपको बता दे      की संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने मंगल ग्रह पर इस DREAM PROJECT के लिए अपना लक्ष्य साधा है और इस  DREAM PROJECT    को मिसन होप (HOPE) नाम दिया है। जो कि संयुक्त अरब  अमीरात (UAE) के लिए मंगल  ग्रह पर अपना खुद का पहला मिशन है,निश्चत    तौर पर (UAE) के लिए यह DREAM     PROJECT "HOPE'' एक बहुत बड़ी उपलब्धी है ।MISSION ''HOPE''लाँचिंग 19 July2020 को Japan के Tanegoshima space center से  सुबह 1ः58 A.M पर हुआ है ,जो की जापानी समय अनुसार सुबह 6ः58A.M था ।जो खुद संयुक्त अरब अमीरात की अंतरिक्ष एजेंसी'' मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर''  से संचालित किया है। मंगल ग्रह बहुत समय से हम मनुष्य और हमारे वैज्ञानिको के लिए आकर्षक का केंन्द्र बना हुआ है।इस मिशन में PERSERERONCE रोवर को लाँच किया गया है।मंगल ग्रह पर MISSION "HOPE" का उदे्दश्य ,जब से मंगल ग्रह पर पानी और जीवन की संम्भावना पाई गयी थी, तभी से मनुष्य मंगल ग्रह के बारे में और भी जानकारी पाने को उत्सुक हैं।मिशन ''HOPE'', मंगल पर कार्बन-डाई आक्साइ़ड की मात्रा बहुत अधिक है ,जिसके कारण मानव वहाँ जीवित नहीं रह सकता इसके अलावा वहाँ पर और भी गैसे हाइड्रोजन, आँक्सिजन तथा अन्य गैसों की प्रचुर मात्रा होगी उनका पता लगेगा  तथा इससे  वहाँ  के वायुमण्ल का  भी पता  लगेगा , जो की बहुत पतला है।वहाँ के जलवायु का DATA मिलेगा जिससे वायुमण्डल के अंतरिक्ष में क्षय होने के कारणों का पता चलेगा,साथ-साथ सूर्य की सौर हवाओं एवं बाह्य अंतरिक्ष के साथ मंगल ग्रह के बीच सम्बन्धों तथा उनके बीच के प्रभावो की पडताल करेगे।मंगल ग्रह के वायुमण्डल में आज से अरबों साल पहले जीवन की काफी संभावनाए थी,जिसे सूर्य की विकरण और सौर हवा ने धीरे-धीरे इस ग्रह से वहाँ के वायुमण्डल  को अलग कर दिया ,जिसका  नासा के MAVEN अंतरिक्ष यान ने 2017 में पता लगाया था।''HOPE'' एक अंतरिक्ष यान है जिसका वजन 1500 किलो से भी जादा है, इसमें अनेक तरह के वैज्ञानिक उपकरण लगे हुए है ।ये उपकरण इमेजर (ई एक्स आई) , एमिरेट्स  मार्स अल्ट्रावाँयलेट स्पेक्ट्रोमीटर , उच्च -रिजाँव्युशन वाला कैमरा,स्कैनिंग स्पेक्ट्रोमीटर शामिल है। यह ''HOPE'' अंतरिक्ष यान 200 दिनों तक मंगल की परिक्रमा करता रहेगा और  2021  तक ''HOPE'' को  मंगल की कक्षा में प्रवेश की सम्भावनाए है। मंगल पर 'HOPE'के  उतरने के बाद रोवर वहाँ पर जीवन की संम्भावनाओं का कोई और पता लगायेगा। क्या वहां जीवन का कोई संकेत मौजुद है या नहीं। फिलहाल रोवर के वहाँ से मिट्टी और चट्टानों के नमुने तथा और भी जाँच की बस्तुए लाने के बाद तथा जाँच -पडताल के बाद ही भवीष्य में,मनुष्य को वहाँ तक पहुँचने में , तथा वहाँ की वायुमण्डल में जीवित रह सकता है या नहीं बाकी सारी चिजों का विवरण मिलने के बाद ही सफलता की सम्भावनाएँ बनती है। आगे चाहे जो भी कुछ हो हम मनुष्यों के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धी होगी।  

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